लहरें, ज्वार-भाटा और महासागरीय धाराएँ:महासागरीय जल की गतियाँ

महासागरीय जल की गतियाँ

महासागरों में होने वाली गतियों को मोटे तौर पर लहरों, ज्वार-भाटाओं व धाराओं में वर्गीकृत किया जाता है, जिनका विस्तृत विवरण नीचे दिया गया है:

लहरें

जब समुद्र के सतह का जल बारी–बारी से ऊपर चढ़ता और नीचे गिरता है तो उसे ‘लहरें’ कहते हैं। तूफान के दौरान हवाएं बहुत बड़ी–बड़ी लहरों के साथ तीव्र गति से चलती हैं और  भयंकर विनाश का कारण बन सकती है।समुद्र के अंदर आने वाला भूकंप, ज्वालामुखी विस्फोट या भूस्खलन समुद्र जल की विशाल मात्रा को एक जगह से दूसरी जगह ले जा सकता है। समुद्र में भूकंप आदि के कारण उत्पन्न 15 मी. तक ऊँची लहरें ‘सुनामी’ कहलाती हैं | अब तक की मापी गई सबसे बड़ी ऊँची सुनामी लहर 150 मी. ऊँचाई की थी। ये लहरें 700 किमी प्रति घंटे से भी अधिक की रफ्तार से चलती हैं। वर्ष 2004 में आए सुनामी के कारण भारत के तटीय इलाकों में बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ था। इस सुनामी में अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह में स्थित भारत का सबसे दक्षिणतम बिन्दु ‘इंदिरा प्वाइंट’ जलमग्न हो गया था ।

Source: nationalgeographic.com

ज्वार

एक दिन में दो बार समुद्र के जल का लयबद्ध तरीके से ऊपर उठना ‘ज्वार’ और नीचे गिरना ‘भाटा’ कहलाता है। ऐसा चंद्रमा एवं सूर्य की आकर्षण शक्तियों के कारण होता है | जब सागरीय जल अपने उच्चतम स्तर पर उठते हुए किनारे के ज्यादातर हिस्से को ढ़क लेता है तो उसे ‘उच्च ज्वार’(Spring Tides) कहते हैं। उच्च ज्वार तब आता है, जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक सीध में होते हैं। ,इसीलिए अमावस्या व पुर्णिमा के दिन उच्च ज्वार उत्पन्न होता है | उच्च ज्वार के विपरीत जब सूर्य, चंद्रमा व पृथ्वी समकोणिक स्थिति में होते हैं तो ‘निम्न ज्वार’ (Neap Tides) उत्पन्न होते हैं, इसीलिए दोनों पक्षों की अष्टमी या सप्तमी को  निम्न ज्वार उत्पन्न होते हैं |

Source: sciencebuddies.org

महासागरीय धाराएं

महासागरीय धाराएं महासागरीय जल की ऐसी धाराएं हैं, जो महासागर की सतह पर वर्ष भर एक निश्चित दिशा में चलती रहती हैं | तापमान के आधार पर महासागरीय धाराएं गर्म या ठंडी हो सकती हैं। भूमध्य रेखा के पास गर्म महासागरीय धाराएं बनती हैं और वे ध्रुवों की ओर चलती हैं। ठंडी धाराएं ध्रुव या उच्च अक्षांशों से उष्णकटिबंधीय या निम्न अक्षांशों की तरफ चलती हैं।

Source: teachoceanscience.net

महासागरीय धाराएं जिस क्षेत्र से बहती वहाँ के तापमान की स्थितियों को प्रभावित करती हैं, जैसे-गर्म धाराएं सतह के तापमान को बढ़ा देती हैं। वैसे क्षेत्र जहां गर्म और ठंडी धाराएं मिलती हैं, दुनिया में मछली पकड़ने के सबसे महत्वपूर्ण  क्षेत्र है। जापान का तटीय क्षेत्र और उत्तर अमेरिका का पूर्वी तट इसके उदाहरण हैं।

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