भारत के भौतिक विभाग

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 इस मानचित्र में भारत के भौतिक विभागों को प्रदर्षित किया गया है

1-         प्रथम भाग में देष का पर्वतीय भाग दर्षाया किया गया है

जो हिमालय प्रदेश है, इस भाग को चार उपविभागों में विभाजित किया गया है, 1 अ में हिमाचल प्रदेष हिमाचल, 1 व में उत्तरांचल हिमालय, 1 स में नेपाल या मध्य हिमालय और 1 द में असम हिमालय दिखाया गया है.

1 अ-यह सिन्धु नदी से सतलज नदी तक 570 किलो-मीटर लम्बार्इ में विस्तृत है, इसका क्षेत्रफल 45000 वर्ग किलोमीटर है, इस भाग में हिमालय की टाटाकुटी और ब्रह्मासकल चोटियाँ स्थित हैं तथा पीर पंजाल, छोटागली, नुरयूर, चोरगली, जामीर, बनीहाल, रोहतांग, बडालापचा, गुलाबधर, जोजीला और बुर्जिल दर्रे हैं.

1 यह सतलज नदी से काली नदी तक 320 किलोमीटर लम्बार्इ में विस्तृत है. इस भाग में हिमालय की बद्रीनाथ, केदारनाथ, त्रि“ाूल, माना गंगोत्री, नन्दादेवी कामेत, जाओनली, नन्दाकोट, गंगोत्री और षिवलिंग चोटियाँ स्थित हैं, गंगा (भगीरथी) और यमुना नदियों का उद्गम भी इसी क्षेत्र से है.

       1 यह काली नदी व तिस्ता के मध्य 800 किलोमीटर लम्बार्इ में फैला हुआ है, इसका कुल क्षेत्रफल 116800 वर्ग किलोमीटर है, इसकी औसत ऊँचार्इ 6250 मीटर है. इस भाग में सिक्किम हिमालय, दार्जिलिंग हिमालय और भूटान हिमालय “ाामिल हैं, इस भाग की सबसे उँची चोटियाँ, एवरेस्ट, कंचनजंधा अन्नपूर्णा प्, धौलागिरि गोसार्इथान, चोचू, मकालू आदि स्थित हैं.

       1 यह तिस्ता नदी से ब्रह्मपुत्र नदी तक 750 किलोमीटर की लम्बार्इ में विस्तृत है. इसका क्षेत्रफल 67500 वर्ग किलोमीटर है. इस श्रेणी का ढाल मैदान की ओर बड़ा तेज है. किन्तु पष्चिम की ओर क्रमष: धीमा होता गया है. इसकी प्रमुख चोटियाँ कुला, कांगड़ी, चुमलहाटी, काबरू, जाग सांगला आदि है।

2-         द्वितीय भाग में गंगासतलज का मैदान प्रदर्षित किया गया है

यह मैदान पूर्व में 145 किलोमीटर से लगाकर पष्चिम में 480 किलोमीटर चौड़ा है तथा 2414 मिलोमीटर की लम्बार्इ में धनुश आकार में विस्तृत है, श्ह मैदान सतलज, गंगा और ब्रह्मपुत्र तथा उनकी सहायक नदियों द्वारा लाकर जमा की गर्इ काँन मिट्टी से निर्मित है. यह अत्यन्त उपजाऊ मैदान है. इस मैदान का ढाल समतल है, अत: ऊँचे भाग बहुत ही कम हैं. इस भाग में उत्तरी व पष्चिमी राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेष, बिहार, उड़ीसा, पष्चिम बंगाल और असम का आधा भाग सम्मिलित है. इसके दो भाग हैं-(1) पष्चिमी मैदान और (2) पूर्वी मैदान.

पष्चिमी मैदान पंजाब, हरियाणा तथा राजस्थान में फैला हुआ है. इस भाग में सतलज, व्यास और रावी नदियाँ बहती हैं. इस भाग में मिट्टी के उभरे हुए टीले (दंडे) अधिक पाए जाते हैं. कहीं-कहीं इन टीलों के मध्य निम्न भूमि भी मिलती है. यह मैदान अधिकतर “ाुश्क और विशम जलवायु वाला है. इस मैदान का सुदूर पष्चिमी भाग धार का मरूस्थल है. यह 644 किलोमीटर लम्बा और 360 किलोमीटर चौड़ा है, यहाँ रेत के टीले स्थित हैं. बालू के इन टीलों की ऊँचार्इ 120 से 150 मीटर तक है. अधिकांष टीले 3 से 5 किलोमीटर लम्बे और 15 से 18 मीटर तक ऊँचे है.

पूर्वी मैदान उत्तर प्रदेष, बिहार, झारखण्ड और पष्चिम बंगाल तक विस्तृत है. इससे गंगा व उसकी सहायक नदियों द्वारा लार्इ बारीक काँप मिट्टी की तहें जमती रहती हैं. इसमें दोआब क्षेत्र, रूहेलखण्ड का मैदान, अवध का मैदान, गोमती का मैदान, उत्तरी बिहार का मैदान, झारखण्ड का मैदान, उत्तरी बंगाल का मैदान तथा गंगा और ब्रह्मपुत्र नदी का डेल्टा “ाामिल है. गंगा के डेल्टा के उत्तर पूर्व में ब्रह्मपुत्र का पैदान विस्तृत है. यह गारो और हिमालय पहाड़ के मध्य में एक लम्बा और संकरी पट्टीनुमा मैदान है.

 3-         तृतीय भाग में प्रायद्वीपीय पठार को दर्षाया गया है

सतलज और गंगा के दक्षिण में विस्तृत है. यह राजस्थान से कुमारी अन्तरीप तक 1700 किलोमीटर लम्बार्इ में और गुजरात से पष्चिम बंगाल तक 1400 किलोमीटर चौड़ार्इ में विस्तृत है. इसका आकार त्रिभुजाकार है जिसका चौड़ा भाग उत्तर की ओर और संकरा भाग दक्षिण की ओर है. पठार में उत्तर में अरावली, विन्ध्याचल और सतपुड़ा की पहाड़ियाँ हैं. इस प्रायद्वीप की औसत ऊँचार्इ 487 से 762 मीटर तक है. इसका क्षेत्रफल 7 लाख वर्ग किलोमीटर है. प्रायद्वीप के अन्तर्गत दक्षिणाी-पूर्वी राजस्थान, मध्य प्रदेष, झारखण्ड, महाराश्ट्र, उड़ीसा, कर्नाटक, आन्ध्र प्रदेष का पष्चिमी भाग, तमिलनाडु आदि राज्य “ाामिल हैं. प्रायद्वीप भारत की प्राचीनतम कठोर चट्टानों का बना वह भूभाग है जिसका क्षरण मौसमी क्षति की क्रियाओं द्वारा होता रहा है.

 प्रायद्वीपपीय पठार में अरावली की पहाड़ियाँ, विन्ध्याचल, मालवा का पठार, बधेलखण्ड का पठार, नर्मदा-ताप्ती की घाटियाँ, महादेव, मैकाल, कैमूर, बाराकर और राजमहल की पहाड़ियाँ, भण्डार पठार, रीवा पठार में हजारीबाग का पठार; कोडरमा का पठार, रांची का पठार, तथा राजमहल, पारसनाथ, डालमा और पोराहाट श्रेणियाँ मुख्य हैं.

 4-         चतुर्थ भाग में तटीय मैदान दिखाया गया है

 दक्षिण पठार के पूर्व और पष्चिम की ओर पूर्वी तथा पष्चिमी घाट और समुद्र के बीच में समुद्रतटीय मैदान स्थित है. पष्चिम की ओर पष्चिमी समुद्रतटीय मैदान और पूर्व की ओर पूर्वी तटीय मैदान है. पष्चिमी मैदान के अन्तर्गत गुजरात का मैदान, कोंकण का तटीय मैदान, मालावार का तटीय मैदान, केरल का तटीय मैदान स्थित है. पूर्वी मैदान के अन्तर्गत उत्कल का मैदान, आन्ध्र का मैदान, तमिलनाडु का मैदान आदि सम्मिलित हैं.

 स्रोत: मानचित्र अध्ययन भूगोल,उपकार प्रकाशन, डा. सी एल खन्ना एवं डा.एस पी सिंह

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