KAFILA - COLLECTIVE EXPLORATIONS SINCE 2006
अभी ज्यादा समय नहीं बीता जब एक दिन यह ज्ञात हुआ के नई दिल्ली में स्थित तथाकथित अग्रसेन की बावली को अगरवाल समाज के हवाले कर दिया गया है क्योंकि उन्होंने ए एस आई से यह कहा था के इस बावली का निर्माण महाराजा अग्रसेन ने किया था जो अगरवाल समाज के संस्थापक थे. उनका कहना था कि इसलिए अगरवाल समाज बावली की देखभाल करना चाहता है – आखिर बावली उनके संस्थापक की यादगार जो है. ए एस आई ने विधिवत ढंग से एक एम ओ यू (इकरारनामा) तैयार किया दोनों पक्षों ने उस पर हस्ताक्षर किये और बावली अग्रवाल समाज के हवाले कर दी गयी.
अग्रवाल समाज को शायद उस शिलालेख से भी ऐतराज़ था जो बावली के बाहर ए एस आई ने लगाया हुआ था और ऐतराज़ वाजिब भी था अग्रवाल समाज का “विश्वास” है के बावली महाराज अग्रसेन की बनवाई हुई थी और शिलालेख पर, जहाँ तक…
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